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Pahloo mein Aaye Oar-Chhor [Two Countries Come Together]
Do Desh Chili Aur Tarki
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Lu par :
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Surjan Singh
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De :
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Rakesh Tiwari
À propos de cette écoute
चिली और टर्की की यात्राओं के दरमियान लेखक ने जो ब्योरे इकट्ठे किए, उसका स इस सफ़रनामे के ज़रिए पेश है। दुनिया के इतिहास-भूगोल की नई-नई जानकारियाँ इकट्ठी करने के शौकीन राकेश तिवारी को नई-नई जगहों में, असंभव रास्तों से गुजरने में बहुत दिलचस्पी है। लोक में जिसे 'पैर में चक्कर लगना' कहते हैं, वह कहावत राकेश जी के प्रसंग में सही साबित होती है। कभी वो पैदल तो कभी साइकिल से और कभी नाव से दुर्गम क्षेत्रों के सफ़र में निकल पड़ते हैं। चिली और टर्की की यात्राऍं तो हालांकि सफ़र करने के सामान्य तौर-तरीकों से ही सम्पन्न हुई हैं, लेकिन नायाब जगहों को जाकर देखने, नई जानकारियाँ इकट्ठी करने के मामले में आदतन कहीं कोई कोताही नहीं है। सांतियागो के फल-फूलों के भारत पहुँच चुकने के सबूतों का सिजरा हो या विश्व विरासत में शामिल ख़ूबसूरत 'वाल परासियो' शहर की सैर हो या दुनिया के सबसे ऊँचे रेगिस्तान 'कलामा-आताकामा' का भी चक्कर लगाने का मामला हो; पूर्वी टर्की के कुर्दों की बहुतायत वाले काहता, नेमरुत दागी की पहाडिय़ों पर, कभी ऊँचे-नीचे पहाड़ों और वादियों में पसरे गेहूँ के खेतों के बीच से, नदियों के किनारे, पुरातन जगहों, अदीयमान, गाज़ियानटेप, सालिनऊर्फ़ा और अंकारा जैसे शहरों की सैर करने की बात हो—इस यात्रा वृत्तांत को पढ़ते हुए लगता है, राकेश तिवारी कुदरती ख़ूबसूरती और दुनिया के बनने-फैलने को कुछ नए तरह से ही दिखाते हैं।.
Please note: This audiobook is in Hindi.
©2020 Rakesh Tiwari (P)2020 Storyside IN
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